ड्रॉपशिपिंग या ई-कॉमर्स

१) ड्रॉपशिपिंग : ड्रॉपशिपिंग में आपको कम से कम पैसे की रिक्वायरमेंट होती है और कम से कम चीजों के साथ आप सेट कर सकते हो और कम से कम कौशल्य के साथ चालू कर सकते हो
१) ई-कॉमर्स : ई-कॉमर्स स्टार्ट करने में टाइम लगता है और उसके लिए इन्वेस्टमेंट भी आपको ज्यादा चाहिए एंड उसमें आपको अलग-अलग जगह से सब लेना पड़ेगा एंड उसको इकट्ठा करके आप अपनी साइड बना सकते हो
२) ड्रॉपशिपिंग : इसमें आपको किसी भी कोई भी चीजें आपके वहां रखने की जरूरत नहीं है जैसा कि आप जो प्रोडक्ट को जो बेच रहे हो तो वह प्रोडक्ट आपको आपके वहां रखने की जरूरत नहीं है आप उसको सप्लायर से डायरेक्ट भेज सकते हो
२) ई-कॉमर्स : इसमें आपको जो भी सामान आप बेच रहे हो वह सामान आपके वहां रखना पड़ेगा वह सामान को रखने के लिए जगह चाहिए तो आपका पैसा भी ज्यादा लगेगा तो इसमें आपको सामान ज्यादा चाहिेए
३) ड्रॉपशिपिंग : ड्रॉपशिपिंग में आप सामान को जल्द से जल्द कस्टमर के वहां पहुंचा नहीं सकते हो उसमें आपको कम से कम 10 से 15 दिन लग जाते हैं कस्टमर के घर तक पहुंचने के लिए क्योंकि इसमें हाथ इसमें आपके हाथ में कुछ नहीं होता जो करेगा वह सप्लायर ही करेगा
३) ई-कॉमर्स : ई-कॉमर्स में जो कंट्रोल होगा वह सब आपके हाथ में रहेगा तो फिर आप उसको कभी भी जल्द से जल्द अच्छे बायर के पास पहुंचा सकते हो अब फटा जल्द से जल्द उसको उसके घर तक विनय मच करवा सकते हो क्योंकि इसमें जो कंट्रोल रहेगा वह पूरा आपके हाथ में होता है
४) ड्रॉपशिपिंग : ड्रॉपशिपिंग में आपको मुनाफा जो होगा वह कम मिलेगा क्योंकि ड्रॉपशिपिंग में आप जो चीजें भेज रहे वह चीजें आप एक-एक करके ले रहे हो तो जब आप चीजें एक-एक करके ले रहे हो तो आपको वह कम प्राइस में नहीं मिलेगा वह आपको थोड़ा ज्यादा पैसा भी करके लेना पड़ेगा तो उसमें आपका जो मुनाफा होगा वह काम होगा
४) ई-कॉमर्स : ई-कॉमर्स में आप का मुनाफा जो होगा वह ज्यादा होगा क्योंकि इसमें आप एक ही चीज को बहुत सारी यह ले रहे हो एग्जांपल आप एक ही चीज को 100 200 वैसे ले रहे हो तो आपको अच्छा मुनाफा मिल सकता है क्योंकि वह उसमें आपका जो वाइन का जो प्राइस होगा वह बहुत कम होगा तो उसमें आपको मुनाफा ज्यादा मिल सकता है तो ई-कॉमर्स में आपको मुनाफा ज्यादा मिलेगा उसमें आपको सब चीजें रखनी पड़ेगी आपके वहां तो उसमें आपकी इन्वेस्टमेंट भी बढ़ जाएगी
५) ड्रॉपशिपिंग : ड्रॉपशिपिंग में जो धंधा का जो कंट्रोल जो होता है वह आपके हाथ में नहीं रहता है क्योंकि इसमें जो प्रोडक्ट जो है वह आपके पास नहीं है वह सप्लायर के पास है तो इसका पूरा कंट्रोल आपके पास नहीं होता है इसमें आप प्रोडक्ट को हाथ में लेकर नहीं देख सकते तो उसकी क्वालिटी एंड उसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते
५) ई-कॉमर्स : ई-कॉमर्स में धंधा का जो कंट्रोल जो होता है वह आपके हाथ में होता है क्योंकि इसमें जो चीजें जो आप भेज रहे हो वह सब चीजें आपके पास अवेलेबल होती है एंड्रयू को हाथ में देख सकते हो एंड उसकी वैल्यू एंड उसका क्वालिटी एंड गॉसिप आप देख सकते हो तो वह ज्यादा अच्छा होता है कि आपको पता है कि आप अपने कस्टमर को कैसा प्रॉडक्ट दे रहे हो